Ayodhya Rape Case: दुष्कर्म पीड़िता का होगा गर्भपात, पुलिस कराएगी DNA टेस्ट
अयोध्या में दुष्कर्म का शिकार हुई युवती के परिजनों ने गर्भपात करने की अनुमति दे दी है। उधर एसएसपी राजकरन नय्यर ने कहा कि अकाट्य साक्ष्य एकत्र करने के लिए पुलिस फारेंसिक जांच कराएगी जिसके अंतर्गत DNA टेस्ट भी होगा ताकि आरोपितों को कठोरतम दंड दिलाया जा सके। बता दें सीएम योगी ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर कार्रवाई का भरोसा दिया था।
दुष्कर्म की शिकार किशोरी के घर वालों ने गर्भपात की सहमति दे दी है। पुलिस ने आरोपितों को दंड दिलाने के लिए DNA जांच करने का भी निर्णय लिया है। परिवार की सहमति के बाद सोमवार को सुबह 11 बजे अयोध्या से सीएमओ संजय जैन किशोरी को लेकर लखनऊ रवाना हुए।
दोपहर बाद तीन बजे उसे गर्भपात व बेहतर उपचार के लिए कड़ी सुरक्षा में लखनऊ के क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुष्कर्म के आरोपित समाजवादी पार्टी के भदरसा नगर पंचायत अध्यक्ष मोईद खान और उसके सहयोगी राजू को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
सीएम योगी ने दिया था कार्रवाई का भरोसा
गत दिनों मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया था और आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई थी। इसी के बाद आरोपित की अतिक्रमण कर बनाई गई बेकरी पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। अन्य संपत्तियों की भी जांच चल रही है।
किशोरी के परिवार की बेहतर चिकित्सा की मांग पर उसे लखनऊ में इलाज का भरोसा दिया गया था। इसी के बाद गर्भपात पर निर्णय लेने के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की ओर से नियुक्त की गई सहायक ने स्वजन की सहमति ली और रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी को सौंप दी।
किशोरी को दिलाई जाएगी विधिक सहायता
अध्यक्ष ने बताया कि चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम 1971 के अंतर्गत हुए संशोधन में यह प्रविधान है कि यदि पीड़िता का गर्भ 24 सप्ताह से कम का है, तो गर्भ समापन के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है। संबंधित प्रकरण में किशोरी का गर्भ 12 से 13 सप्ताह का है। किशोरी को न्याय दिलाने के लिए बाल कल्याण समिति उसे निश्शुल्क विधिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी।
यूपी में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में किशोरी की आयु 22 वर्ष पूर्ण होने तक 2500 रुपये प्रति माह जबकि स्पांसरशिप योजना में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक हर माह चार हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
उधर, एसएसपी राजकरन नय्यर ने कहा कि साक्ष्य एकत्र करने के लिए पुलिस फारेंसिक जांच कराएगी, जिसके अंतर्गत डीएनए टेस्ट भी होगा, ताकि आरोपितों को कठोरतम दंड दिलाया जा सके।
DNA टेस्ट के लिए लेनी होगी कोर्ट की अनुमति
डीएनए टेस्ट के लिए न्यायालय की अनुमति लेना आवश्यक होता है। आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है, ताकि गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जा सके। किशोरी का अश्लील वीडियो बनाने का भी आरोप लगा है। इसके लिए आरोपितों का मोबाइल भी जांच के लिए भेजा जाएगा।प्रकरण ने राजनीति रंग ले लिया है।
रविवार को भाजपा का प्रतिनिधिमंडल अयोध्या गया था तो सोमवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित परिवार से मिला। पीड़िता की मां ने सपा के नेताओं पर सुलह के लिए धमकाने तथा प्रलोभन देने का आरोप लगाया था जिसके बाद दो सपा नेताओं पर शनिवार को मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया।
तीन से चार दिन में आती है DNA जांच रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंस के संस्थापक निदेशक डा.जीके गोस्वामी ने बताया कि DNA टेस्ट की रिपोर्ट आने की अवधि जांच की प्रकृति पर निर्भर करती है। कपड़ों, बाल या घटनास्थल से एकत्र नमूनों के मिलान में कुछ समय लगता है, लेकिन इस प्रकरण में पीड़िता, भ्रूण और आरोपितों का नमूना लिया जाएगा। इसकी जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लगते हैं।